मोहब्बत गजल

इस खत को मुझसे पढ़वाया |

खुली किताब

निकल पड़ा सफर पर |

तनहाई

खुशियां कैसे लाता घर में ।

RAMGARH COLLEGE RAMGARH

घनी काली अंधेरी बरसती रात में |