दूर न जाओ मुझसे तेरा साथ चाहता हूं ।

 दूर न जाओ मुझसे तेरा साथ चाहता हूं ।

दूर न जाओ मुझसे तेरा साथ चाहता हूं 


दूर न जाओ मुझसे तेरा साथ चाहता हूं ।

तनहा ना छोड़ो मुझको तेरा साथ चाहता हूं ।


सुबह की पहली किरण हो तुम ।

शाम की मस्तानी हवा हूं मैं । ।


तुमसे जग में उजाला है ।

सुबह की पहली किरण हो तुम । ।


तकदीर बना दो मेरी ।

तेरा साथ चाहता हूं । ।


मैं तो दिलजला हूं ।

मुझे तेरी रहमत की जरूरत है । ।


जान से बढ़कर चाहा हूं तुझे ।

मेरी जान कभी जुदा मत होना । ।


जुदा हुआ तो मर जाऊंगा ।

कितनी मोहब्बत है तुमसे बयां नहीं कर पाऊंगा । ।


जान से बढ़कर चाहता हूं तुम्हें ।

तन्हा  ना कभी छोड़कर चली जाना । ।


अब ना तड़पाओ मुझको ।

सीने से आकर लग जाओ । ।


दूर ना जाओ मुझसे ।

तेरा साथ चाहता हूं । ।


ऐसे ही दिल से लगी हुई बहुत सारी गजलें हैं आपके लिए आप हम से जुड़े रहें और इसी तरीके से गजल की कुछ पंक्तियां आपको हम सुनाते रहेंगे काफी अच्छा लगता है इस तरीके से गजल लिखने में और आप सभी तक पहुंचाने में काफी खुशी की बात है कि मुझे लिखना आता है क्योंकि हर किसी को कलम की ताकत नहीं मिलती और सोचने समझने की क्षमता होती है मोहब्बत में और महसूस करने की वह हर किसी में नहीं होती मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि मैं अपनी लिखी हुई गजल आप तक पहुंचाता हूं इस माध्यम से वरना पहले पन्नों में लिखता था पन्नों में सिमट कर रह जाता था आज मैं इंटरनेट पर लिखता हूं आप सभी तक जाता है पता नहीं भारत के या भारत के बाहर कितने सारे लोग इसे पढ़ते हैं और उन्हें पढ़कर क्या महसूस होता है नहीं होता है और वो क्या ढूंढते हुए आते हैं जो उन्हें मिल जाता है और वह पढ़ते हैं वह जाने और उनका आत्मा जाने काफी अच्छा लगता है आप लोगों को इस तरीके से गजल पंक्तियों को महसूस कर आना और खुद की महसूस की गई मोहब्बत आप सभी तैयार करना और मैं चाहता हूं कि हमेशा इसी तरीके से पंक्तियां लिखता रहूं और आप सभी समझदार हैं धन्यवाद आप सभी का इसी तरीके से आप सब हम से जुड़े रहें काफी आनंददायक लगता है ।

सिद्धार्थ शर्मा बोकारो, झारखंड


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