साथ किसी के सफर में चलना। Saath kisee ke saphar mein chalana
साथ किसी के सफर में चलना अच्छा लगता है ,
और कभी कभी तन्हा भी रहना अच्छा लगता है । ।
कब तक ढूंढे आंखों से शीशे वाले ताजमहल ,
खुद ही लिखना खुद ही पढ़ना अच्छा लगता है । ।
तुम्हें मुबारक पूनम वाला चौहान मगर मुझको ,
धीरे-धीरे चांद का ढलना अच्छा लगता है । ।
और बढ़ा दो लो दीपक की अपनी आंखों में ,
इंतजार के घर में चलना अच्छा लगता है । ।
सदियों का यह कर्ज चुकाए कैसे बोलो कैसे दो पल में ,
किस्तों में सांसों का कटना अच्छा लगता है । ।
चार कदम चल कर जब सूरज पुरा गांव जला डालें ,
चढ़ते सूरज का ढलना अच्छा लगता है । ।
जिन्हें छुपाया आंखें जाने कब वो नाम बयां कर दें ,
इसलिए आंखों से डरना अच्छा लगता है । ।
जम जाए ना एहसासों के पत्थर झील सी आंखों में ,
ऐसे में आंखों का बहना अच्छा लगता है । ।
जहां पहाड़ों के गुरुर की बर्फ पिघलने लग जाए ,
संग उसी के हमें भी फिसलना अच्छा लगता है । ।
आप किसी के सफर में चलना अच्छा लगता है ,
और कभी कभी तन्हा भी रहना अच्छा लगता है । ।