मोम पिघल जाता हूं..
जलता नहीं जला दिया जाता हूं।
मोम हूं पिघल जाता हूं टूटता..
हूं फिर संभल जाता हूं।
दुआ करना उस रब से मेरा दिल मोम ही रहे..
क्योंकि पत्थर कभी पिघलता नहीं।
चाहत अभी जान लो वक्त है अभी..
शायद फिर कभी मिलो ना मिलो।
अपनी तो फितरत ही ऐसी है दिल लगा बैठा तुमसे..
अब प्यार मोहब्बत की बातें करता कौन है।
Too be continued
Nice
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