तुम हमारी निशा ढूंढोगी..
आज हूं मैं तुम्हारे पास।
नजरों से नजरों को मिला लो..
और नजरों को नजरों से मिल जाने दो।
अगर मैं रूठ गया तुमसे..
तुम अपनी खता ढूंढोगी।
बातें करो मुझसे यूं चुप ना रहो..
मुस्कुराओ देखो और कुछ तो बोलो।
अपनी नजरें उठाओ नजरों से मिलाओ..
अब यू तुम चुप चुप ना रहो ।
एक पल के लिए छुप जाता हूं..
तुम्हारी नजरें मुझे जरूरत ढूंढोगी।
चला जाऊंगा घर तुमसे दूर..
तुम मुस्कुराने की वजह ढूंढोगी।
अगर नाराज हो मुझसे..
बता दो नाराजगी पास हो तुम्हारे।
कल को मैं ना मिलो तुम्हें..
मेरे पास आने की वजह ढूंढोगी।
मुझे पता था तुम कुछ भी ना बोलोगी..
मेरे पास ना होने पर..
तुम लोग मेरा निशा ढूंढोगी।