धड़कनों में बसा लो जीने की तमन्ना बन जाओ।
हसरतों का मारा हूं मैं, मेरे हमनाशी बन जाओ।।
शीशे का दिल लिए पत्थर से टकराता रहा हूं मैं।
हालात के हाथों हरदम चोट खाता रहा हूं।।
पास बुलाओ मुझको अपने गेसूओ में छुपा लो।
धड़कनों में बसा लूं जीने की तमन्ना बन जाओ।।
चंद खुशियां मांगी थी मैंने हजारों गम मिले।
जिंदगी से रेत पर कोई ना गुल खिले।।
समा जाओ मुझमें तुम खुद को भुला दो।
प्यार बरसा दो मेरे दिल की जमी प्यासी है।
दीवार गिरा दो रस्मो की मैंने राहे तलाशी है।।
फूल और खुशबू की तरह तुम मुझे मिल जाओ।
धड़कनों में बसा लो जीने की तमन्ना बन जाओ।
हसरतों का मारा हूं मैं, मेरे हमनाशी बन जाओ।।