तन्हा तन्हा फिरता हूं मैं तेरे।

तन्हा तन्हा फिरता..
 तन्हा तन्हा फिरता हूं मैं तेरे दयार में।
 थोड़ी सी जगह दे दो अपने दिल की आगार में।।

 माथे पे बिंदिया तेरे उलझे उलझे बाल।
 चांद सा चेहरा सुर्ख नयन दुबे  हैं खुमार में।।

 तेरी चाहत को तरसता हूं ठोकर ना लगाना।
 तू ना मिले तो जानेमन क्या रखा है संसार में।।

 इनकार करो, मेरे सब्र की इंतेहा ना करो।
 छोड़कर सारे बंदिशों को खो जाओ मेरे प्यार में ।।

 तन्हा तन्हा फिरता हूं मैं तेरे दयार में।
 थोड़ी सी जगह दे दो अपने दिल के आगार में

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