तेरे शहर से गुजरे तो तेरी याद फिर उमर आई।

तेरे शहर से गुजरे तो..
 तेरे शहर से गुजरे तो तेरी याद फिर उमर आई।
 तेरे हालात को सुना तो आंखें हमारी भर आई।।

 यदि पेड़ों की छांव में हम तुम मिला करते थे।
 वक्त ने किया सितम अपनी चीज हुई पराई।।

 हमें देखे बिना तुझे करार था कोई पल ऐसा ना गुजरा।
 देखा कि यह सुनहरे सपने जिंदगी लेकिन रास ना आए ।।

 तुम बावफा थे हम भी बेवफा ना थे।
 प्यार तेरा कहां से पाते तकदीर में तो थी तन्हाई।।

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