जब से मेरे यार ने किनारा कर लिया है।
 साकी तेरी शराब ने मुझे सहारा दिया है।।
 मैं उस से क्या गिला करूं उसका कोई कसूर नहीं।
 मेरी कम नसीबी ने मुझको बेघर कर दिया है।।
 क्या बताऊं मैं जमाने को दिल टूटने का सबब।
 जमाने से क्या कोई कम दर्द मुझे मिला है।।
 जिंदगी जीने के लिए कोई दिलरुबा तो चाहिए।
 मेहबूबा समझ कर पैमाने को उठा से लगा लिया है।।
 जब से मेरे यार में किनारा कर लिया है।
 इन बोतलों को अपना सहारा कर लिया है।।