नाराज ना हो मेरे हमनवा मेरे नैन छलक जाएंगे।
तुम अगर रुसवा किए तो मेरे सपने बिखर जाएंगे।।
तेरे होठों के तबस्सुम से मेरे दिल के फूल खिलते हैं।
तेरी उल्फत की हरारत से मेरी उम्मीदों के चिराग जलते हैं।।
तू अगर संग दिल हुए तो मुझे कौन मानेंगे।
नाराज ना हो मेरे हमनवा मेरे नैन छलक जाएंगे।।
तुमने कसम खाई है उम्र भर साथ निभाने की।
फिक्र नहीं करनी है सरेराह शाम ढलने की।।
तेरे मेरे प्यार के यह बंधन कभी न टूट जाएंगे।
नाराज ना हो मेरे हमनवा मेरे नैन छलक जाएंगे।।
भूला दो कल की बातों को मुझे गले से लगा लो।
खुशबू की तरह मुझे सांसो में बसा लो।।
एक बार मुस्कुरा दो खुशियों के गुल खिल जाएंगे।
नाराज ना हो मेरे हमनवा मेरे नैन छलक जाएंगे।।