तेरे बिना दिल पर क्या गुजरी तू क्या जाने।
जब से बिछड़े कितने शहर सितम तू क्या जाने।।
मेरे हमदम जीने का सहारा हो तुम।
तू मेरी किस्मत का सितारा हो तू क्या जाने।।
तन्हाई के आलम में तेरी याद सताती रही।
सावन के फुहारों ने कितना रुलाया तू क्या जाने।।
अब जो बिछड़े तो जी नहीं पाऊंगा।
जुदा होने से पहले मर जाऊंगा तू क्या जाने।।