जब से देखा है गोरी तेरा रूप सलोना।

जब से देखा है गोरी तेरा रूप सलोना।
जब से देखा है गोरी तेरा रूप सलोना।
 फ़िज़ा का ही मौसम लगने लगा सुहाना।।

 दिलवाले देखता हूं तेरा सपना।
 रातों में नींद नहीं आती।।

 तुम मेरे हो जाओ दिल की यही है तमन्ना।
 फिजा का भी मौसम लगने लगा सुहाना।।

 मैं सारा गम भूल जाता हूं जब भी तुम मिलती हो।
 जय जगह पर आज मिली हो सरेआम चली आना।।

 मीठी है तेरी भोली आंखे है मंदिरा के प्याले।
रुखसार पे तेरी जुल्फ लहराई मेरा दिल हुआ दीवाना।।

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