पढ़ाई कैसे करना चाहिए । भाग 3


किस गति से पढ़ें।
 यह एक माना हुआ तथ्य है कि बहुत जल्दी जल्दी पढ़ने से कुछ भी समझ में नहीं आता है पढ़ने के 3 तरीके हैं।
* सूचना प्राप्त करने के लिए पढ़ना …
* समालोचन विश्लेषण के लिए पढ़ना।
* मजे के लिए पढ़ना।
* skim reading या शीघ्र पढ़ना।
* scan reading या सूक्ष्मता से या बारीकी से पढ़ना । बहुत ही ध्यान लगाकर एक विषय को पढ़ना।

 शीघ्र पढ़ने का वेग( स्पीड)
 240 शब्दों का पढ़ने का समय..
* अगर 20 सेकेंड से कम समय लगे उसे तेजी से पढ़ना कहा जाएगा।
* 21 सेकंड से 30 सेकेंड के अंदर पढ़ाई करना किसी भी तेज पढ़ाई करना माना जाएगा।
* 31 सेकंड से 7 सेकंड के अंतराल में पढ़ाई करना सामान्य पढ़ाई करना माना जाएगा।
* 61 सेकंड या उससे ज्यादा का समय लेकर पढ़ाई करना धीरे-धीरे पढ़ाई करना माना जाएगा।

 पढ़ाई को फायदेमंद बनाने के लिए एक सूत्र है उसका नाम SQ3R अर्थात -
 survey - पूरा जांच कर हिसाब लगाना 
 Question - प्रश्न पूछना 
 Read - पढ़ना 
 Recite - दोहराना
 Review - करना। पढ़े हुए भाग को फिर से याद में लाना।

 कक्षा में ध्यान पूर्वक बैठने के लिए।
 कक्षा में ध्यान दिए बिना इधर-उधर की बातें सोच कर बाद में से बराबर अध्ययन  करना या समझना मुश्किल है।

 आपको जो करना चाहिए।
* कक्षा में जहां तक हो सके सामने बैठे।
* परेशान करने वाली साथियों से दूर रहे।
* बेंच या कुर्सी पर सीधे बैठो टेढ़ा या हथेली गाल पर रखकर ना बैठो।
* पढ़ाने वाले अध्यापक के चेहरे को ही देखिए।

 पढ़ाई की पद्धति को तैयार करते समय
 पढ़ाई के लिए पद्धति तैयार करते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए..
* सच्चाई को अंगीकार कीजिए कुछ लोग कहते हैं 2 दिन में मैं यह विषय तैयार कर लूंगा। यह तो बोलने की बात हुई परंतु ऐसा करना कठिन है जितना कर सकते हैं उतना ही कीजिए परंतु बहुत काम ही ना हो समय वातावरण और अपनी योग्यता के अनुसार ही पढ़ाई की तैयारी करें जितना आप से हो सके उतना ही कीजिए।

* आप जिस विषय में रुचि रखते हैं उसमें अधिक ध्यान दीजिए जब आपको विषय का चुनाव करना पड़ेगा तब आप अपनी रूचि के विषय के महत्व को ध्यान में रखकर चुनाव कीजिए।
 विषय आपकी रूचि के बाहर हो तो आप विफल पराजित हो सकते हैं अगर आपकी रूचि इतिहास में है तो आपके लिए गणित में पास  होना मुश्किल होगा। विषय का चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण है।

* सफलता के आधार पर पद्धति तैयार करें जैसे जैसे आप विषय की चोटी पर पहुंचेंगे तो अपने लक्ष्य और ज्ञान को और विस्तृत कीजिए, इस प्रकार आप गहराई तक अध्ययन कर सकेंगे और विषय की गहराई तक पहुंच सकते हैं।

* अच्छा वातावरण बनाए। पढ़ाई के योग्य वातावरण हर समय उपलब्ध नहीं हो सकता परंतु अपने वातावरण को पढ़ाई के अनुकूल बनाया जा सकता है।

 जब कापियां पुस्तके फैली पड़ी रहती है तो पढ़ाई करने की इच्छा नहीं होती है इसलिए पुस्तकों को ढंग से सजा कर रखिए हो सकता है कि पढ़ाई करते वक्त कोई गीत आपके ध्यान में आकर्षित करें इसलिए पढ़ते वक्त रेडियो टीवी टेप आदि बंद कर दें टीवी आपके पढ़ने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलेगा घर में छोटे-मोटे काम समय पर खत्म करें पढ़ने के लिए योग्य वातावरण अनावश्यक आवाज के दूर करना आदि ध्यान पूर्वक पढ़ने के लिए आवश्यक है प्रिय बच्चों आपके भविष्य को बनाने में महत्वपूर्ण योग्यता आपका ही है समय का सही उपयोग करना और मन लगाकर पढ़ना सीखें। जीवन में और पढ़ाई में सफलता निश्चित है।

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