सालों पहले था एक मेरा दोस्त 😔

बिट्टू मेरा दोस्त 😔
 मेरा एक दोस्त हुआ करता था आज से करीब 5-7 साल पहले की बात है हम दोनों में काफी अच्छी गहरी दोस्ती थी मेरा एक क्लास फ्रेंड था जिसका नाम तन्मय था उसके द्वारा मेरे उससे का दोस्ती हुई बिट्टू से फिर हम धीरे-धीरे काफी अच्छे दोस्त बन गए। हम दोनों में इतनी गहरी दोस्ती थी कि मैं घर से खाना खाने या फिर स्कूल से पढ़ाई करने के बाद उससे मिलता था और पूरा दिन उसके साथ रहता था हम दोनों के बीच में बहुत सारी बातें होती थी काम से लेकर के आगे क्या करना है किस तरीके से करना है कैसे करना है और दोस्ती में जो हंसी मजाक की बातें होती हैं सारी होती थी। अगर एक तरह से देखा जाए तो मेरा सबसे ज्यादा वक्त मेरे दोस्त बिट्टू  के साथ बीता था और मेरे साथ में तन्मय भी हुआ करता था। आज मुझे यह सब बताने का एक वजह है क्योंकि मैं उस दोस्त को बहुत ज्यादा मिस करता हूं क्योंकि मेरी अगर दोस्त नाम से अगर कुछ दिमाग में है तो वह मेरा दोस्त है । मैंने अपनी जिंदगी में बहुत कम दोस्त बनाया है क्योंकि मैं अकेला ही रहना काफी अच्छा समझता हूं क्योंकि जो इंसान अकेला रहता है वह इंसान खुद को अच्छी तरीके से समझता है मैं यह मानता हूं चलिए अब बातें करते हैं अपने दोस्त के बारे में। एक दिन मेरी किसी बात से उससे कहां सुनी हो गई जिस वजह से उसकी बातें मुझे बुरी लगी और मैं उससे बातें करना बंद कर दिया भले मैं उसके संपर्क में रहता था क्योंकि कभी उसकी जरूरत मुझे पड़ती थी और मेरी जरूरत कभी उसे पड़ती थी किसी भी काम को लेकर के हम दोनों एक दूसरे से बात नहीं करते थे लेकिन एक दूसरे की मदद करते थे इस दौरान मेरा दोस्त बिट्टू अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए गया एक बाइक में 3 लोग मैं उन दोस्तों का नाम नहीं बता सकता हम पेटरवार के रहने वाले हैं और हमारे पेटरवार से कुछ दूर पर तेनुघाट डैम पड़ता है बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है और बहुत ही बड़ा है। एक दिन यह तीनों चले गए घूमने के लिए तेनुघाट डैम की ओर रास्ते में इनकी एक गाड़ी के साथ एक्सीडेंट हो जाती है जो फोर व्हीलर है तीनो लोग गिर जाते हैं और तीनों को बहुत ही ज्यादा गहरी चोट आती है जिस गाड़ी से इनकी एक्सीडेंट होती है दरअसल ऐसा नहीं होता है इन को ऐसा लगता है जैसे किसी गाड़ी से इनका एक्सीडेंट हुआ है।  सच्चाई यह थी कि यह लोग बहुत ही ज्यादा स्पीड में सफर कर रहे थे यह लोग खुद को बचाने के लिए किसी पेड़ से जा मिलते हैं और इनको बहुत ही ज्यादा चोट आती है फिर एक फोर व्हीलर वाला इनको  पास के एक हॉस्पिटल में ले आता है जिस हॉस्पिटल का नाम लीला जानकी पहले हुआ करता था अब उसका नाम बदलकर पता नहीं क्या रख दिया गया है तीनो लोग खतरे से बाहर होते हैं तीनों का इलाज काफी अच्छी तरीके से किया जाता है। दो दोस्त तो ठीक हो कर घर आ जाते हैं। मेरा दोस्त बिट्टू हॉस्पिटल में ही रहता है कुछ दिनों के लिए उसके रीड की हड्डी  आती हैं और उसके कमर में काफी चोट आती है जिसकी वजह से वह उठ नहीं सकता है बेड से।जिस दिन एक्सीडेंट हुआ उस दिन मुझे शाम में पता चला मैं काम से बाहर गया हुआ था आते के साथ ही मेरी मां ने मुझे खबर दिया कि ऐसे ऐसे बात है तुम्हारे दोस्त के साथ मेरी बात नहीं होती थी मैं तुरंत दौड़ा चला गया हॉस्पिटल और मैं जाकर उससे मिला वह बेहोश पड़ा हुआ था मैं लौटकर के घर आ गया डॉक्टर से उसके बारे में बात की क्योंकि मैं मेडिकल लाइन से पहले से जुड़ा हुआ हूं मुझे जो बताया क्या मैं उस बात से संतुष्ट नहीं था मैं घर गया मैं घर में अच्छी तरीके से सो नहीं पाया मैं दूसरे ही दिन सुबह उठकर मैं चला गया उसके पास मेरे पास कुछ पैसे थे मैंने अपने पास रखा था कि कभी जरूरत पड़े तो मुझे देने के काम आएंगे जबकि ऐसा कोई मोमेंट नहीं आया मेरे साथ मेरे पैसे मेरे पास ही रह गया। 😔 मैं जब गया जाकर मिला तो उसकी आंखें खुली थी मैं उससे पूछा ज्यादा बात नहीं होती थी हम दोनों के बीच लेकिन मैंने उससे कहा कैसे हो मैंने उसे देख कर मुस्कुराया उसने मुझे देख कर मुस्कुराए मैं अंदर से बहुत रो रहा था मुझे बुरा लग रहा था कि काश मैं कुछ दिनों के लिए जो इस से बातें करना बंद कर दिया था वह अगर मैं बातें करना नहीं बंद करता तो काश हम दोनों एक दूसरे के साथ बिजी होते और यह उन लोगों के साथ घूमने के लिए नहीं जाता और ऐसा हालत नहीं होता मुझे खुद में बुरा लग रहा था क्योंकि मुझे लग रहा था कि यह मेरी वजह से हुआ है मुझे इसके बातों का बुरा नहीं मानना चाहिए था और इस से मनमुटाव करके नहीं रहना चाहिए था और हम दोनों को बात करना चाहिए था क्योंकि हम दोनों काफी अच्छे दोस्त हैं लेकिन अब जो हुआ सो हुआ अब आगे की कहानी सुनिए कुछ दिनों के बाद उससे घर के लिए रवाना कर दिया जाता है मतलब डिस्चार्ज कर दिया जाता है हॉस्पिटल से कि घर ले जाइए और ठीक हो जाएगा समय समय पर दवाई और जो भी प्रिकॉशन है अपनाने के लिए बोल दिया जाता है। उस वक्त स्वास्थ्य विभाग इतना ज्यादा एक्टिव नहीं था हमारे क्षेत्र में जितना अभी है रात में अचानक उसके बैंडेज चेंज करने के लिए उसकी माता ने किसी झोलाछाप डॉक्टर को फोन किया जो हमारे पेटरवार क्षेत्र  में ही रहता है वह इंसान गया और उसने क्या किया मैं बता रहा हूं सारी कहानी का मेन पॉइंट यही है कि मैं बताना चाहता था कि यह झोलाछाप डॉक्टर क्या करता है जिसकी वजह से मेरे दोस्त की मृत्यु हो गई मुझे इस झोलाछाप डॉक्टर पर इतना ज्यादा गुस्सा है कि मैं आपको कुछ भी नहीं बता सकता जब कोई भी मरीज अपने बेड से नहीं उठ सकता है नहीं चल सकता है तो उसके urine bladder मैं urine कैथेटर लगाया जाता है जिससे वह toilet कर सके बिना बेड से हिले दुले। जब वो झोलाछाप डॉक्टर आया उसके यहां बैंडेज चेंज  करने के लिए जानबूझकर या फिर अपनी जाहिल  नियत के वजह से उसके urine कैथेटर के पाइप को उसके यूरिन ब्लैडर से हटा दिया जिसके वजह से ब्लडिंग शुरू हो गई इतना सब कुछ करने के बाद वह अनपढ़ गवार जाहिल झोलाछाप डॉक्टर अपना घर आकर आराम करने लगे बात अब शुरू होती है मेरे दोस्त के आखिरी सफर का उसकी मां ने हर जगह फोन किया एंबुलेंस के लिए फोन किया हॉस्पिटल में कोई सुविधा नहीं दी गई जो बड़े लोग माने जाते हैं समाज में उन लोगों के पास फोन की मदद के लिए लेकिन उनको मदद किसी ने नहीं दिया रात के अंधेरे में मेरे दोस्त ने दम तोड़ दिया क्योंकि अगर किसी के शरीर से ज्यादा खून निकल जाता है तो वह दम तोड़ देता है सुबह जब मैं यह बात सुना तो मुझे बहुत ही ज्यादा बुरा लगा मैं आपको नहीं बता सकता कि सालों पहले घटी हुई घटना को मैं आज लिख रहा हूं मैं यह बात किसी दोस्त से शेयर नहीं कर सकता मैं उन दोस्तों के साथ भी बैठकर यह बातें नहीं कर सकता जिन लोगों के साथ मेरा दोस्त घूमने के लिए गया हुआ था। क्योंकि कोई नहीं समझ सकता कि मैं क्या महसूस करता हूं मेरा एक ही वह ऐसा दोस्त था जो बहुत  ही अच्छा था। मेरे दिल की जो फीलिंग है मैं कभी नहीं बया कर पाऊंगा उनके परिवार के सामने और अपने दोस्तों के सामने मैं लिख सकता हूं क्योंकि मुझे लिखना अच्छा लगता है अपने हिम्मत से यह इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि मुझे उस जाहिल झोलाछाप डॉक्टर के बारे में लिखना था मैं उसे डॉक्टर नहीं बोल सकता अच्छे तरीके से लेकिन आपको बताने के लिए डॉक्टर शब्द का उपयोग कर रहा हूं मैं जब भी उस डॉक्टर को देखता हूं मुझे लगता है काश कि मेरे सामने खड़ा खड़ा मर जाता मुझे नफरत है ऐसे डॉक्टरों से जिन्हें मेडिकल में नॉलेज नहीं होती है और वह चंद पैसे कमाने के लिए किसी के भी जान से खेल जाते हैं और हमारे समाज के लोग भी जागरूक नहीं हैं जो इन लोगों को बुलाते हैं जबकि सरकार अभी के समय में सरकारी अस्पताल में सारी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है मैं खुद  स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा हूं और मुझे अच्छी तरीके से मालूम है कि सरकार स्वास्थ्य संबंधी किन-किन सुविधाओं को आम जनता तक पहुंचा रही है। उस अनपढ़ गवार जाहिल डॉक्टर के वजह से मेरा दोस्त मर गया उसके घरवालों का सबसे बड़ा लड़का वह था समाज को और अपनी मजबूरियों को और अपने घरवालों को मुझ से कहीं ज्यादा अच्छे तरीके से समझता था बहुत सारी बातों पर वह मुझे भी समझाता था मेरे आज जितने भी दोस्त हैं उसके बाद बने हैं। मेरे हिंदी में कहीं अगर त्रुटि हो जाए तो उस चीज को मेंशन कीजिएगा क्योंकि मैंने लिखने के बाद इसे दोबारा पढ़ने का निश्चय नहीं किया  🙏 मैं आज भी उस दोस्त को याद करता हूं और यही भगवान से कामना करता हूं कि उसकी आत्मा को शांति दें और उसे कहीं ना कहीं एक अच्छे इंसान के रूप में जन्म दे 🙏 मैंने जो कुछ भी लिखा है मैं किसी को बुरा भला कहने के उद्देश्य से नहीं लिखा है सालों से जो मेरे दिल में बातें चल रही थी मैंने उस बातों को लिखा है ताकि आपको भी पता चले लेकिन हां मैं उस झोलाछाप डॉक्टर को कभी माफ नहीं करूंगा 😔 इतना सब कुछ लिखने के बाद एक बात और बताना चाहता हूं कि दोस्ती ऐसे लोगों से कीजिए जो आपको सही राय और सही दिशा निर्देश दें और गलत करने के लिए कभी सलाह ना दें.... दोस्तों के बहकावे में आकर कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है अपने परिवार वालों के बारे में सोचें क्योंकि सारे दोस्त के परिवार वाले पैसे वाले नहीं होते हैं जो आप की जान बचा सकते हैं जिनके पास पैसा नहीं होता है उनको मौत नसीब होती है जैसे आज मेरा दोस्त  इस दुनिया में नहीं है। 🤬🤬💔🤬🤬

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