इतनी बड़ी दुनिया में यार नहीं मिला..
सब कुछ मिला जिंदगी में मगर प्यार नहीं मिला।
कहते हैं नसीब वालों को ही मिलती है वफा..
मेरी तो तकदीर मुझसे रहती है खफा खफा।
मैं वह फूल हूं पतझड़ का जो कभी ना खिला..
इतनी बड़ी दुनिया में कोई यार नहीं मिला।
सुकून पाने के लिए कब तक दिल तरसता रहेगा..
आंखों का सावन जाने कब तक बरसता रहेगा।
शायद कभी खत्म ना होगा मेरे दुखों का सिलसिला..
इतनी बड़ी दुनिया में कोई यार नहीं मिला।
मांगता हूं खुशियां हजार गम मिल जाते हैं..
रातों को आने वाले सपने सुबह बिखर जाते हैं।
और कोई ना होगा यहां मेरे जैसा दिल जला..
इतनी बड़ी दुनिया में कोई यार नहीं मिला।