🌼 क्यों तुम्हारी आंखें हैं।

🌼 क्यों तुम्हारी आंखें हैं.
 नाराज हो जाती है मुझसे।।

🌼 जब भी तुम्हारी और मैं ना देखूं.
 बातें करूं दूर की।।

 🌼तुम्हारी आंखें.
 कुछ नहीं कहते मुझसे।।

 🌼ए सवाल करती है बार-बार.
 मैं मुस्कुराता हूं देखकर तुम्हारी मुस्कुराहट।।

 🌼इतनी नादान कैसे हो तुम.
 तुम्हारी आंखें भीग जाती है..
मेरे कुछ ना कहने से।।

 🌼मैं साथ रहूंगा हमेशा तुम्हारे.
 यु अपनी आंखों से अश्क बहाए ना करना।।



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