पलकों में आंसू छुपा कर मुस्कुराता रहा हूं मैं..
कई बार टूटा हूं फिर भी दिल को बहलाता रहा हूं मैं।
तूफान से निकलने की कोशिश बहुत की..
टूटी कश्ती लेकर साहिल से टकराता रहा हूं मैं।
कोई आएगा अपना हमदम बन कर..
यही सोचकर जिंदगी बिताता रहा हूं मैं।
अब तो गमों से रिश्ता बन गया है..
किससे कहूं क्या खोया क्या बता रहा हूं मैं।

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