तुम्हारे शहर में मेरा रुक जाना एक शाम
कुछ अलग ही बात है।
तारे आसमान पर ना हो और शाम की धीमी हवाएं
कुछ अलग ही बात है।
यूं देखा तुम्हें हजारो दफा
तुम्हारा मुड़ कर देखना अलग ही बात है।
लिबास बहुत से हैं तुम्हारे रूप रंग बदलने को
साड़ी का पल्लू तुम्हारे हाथों में कुछ अलग ही बात है।
बातें बहुत सी हो जाती है हम दोनों के बीच
लेकिन मेरे बातों के जवाब में तुम्हारा वह सर हिलाना कुछ अलग ही बात है।
मैंने जब भी कुछ चाहा तुम्हारे चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट को चाहा
वह तुम्हारा मेरी ओर देख कर मुस्कुराना कुछ अलग ही बात है।
खुश तो लोग हाथों में सिक्कों को दबाकर हो लेते हैं
तुमसा कीमती कुछ और नहीं मेरे लिए तुम्हारा यह कहना कुछ और ही बात है।
हवाओं सी हो साथ सफर में तुम मेरे
हर बार छूकर महसूस करना कुछ और ही बात है।
काली घटाओं सी जुल्फें हैं तुम्हारी
यू मेरी ओर देखकर जुल्फों को सवार ना कुछ अलग ही बात है।
तुमसे मोहब्बत इतने कम वक्त में हो जाना
सब कुछ कैसे बता दूं तुमसे कुछ तो राज की बात है।
यू तुम्हारे माथे पर बिंदी कभी देखी नहीं हमने
पर जब भी देखा हमने उस चेहरे की अलग ही बात है।
क्यों खफा तो तुमसे कई बार हुए हम
तुम्हारे चेहरे को देख कर चुप हो जाना कुछ और ही बात है।