तेरी एक झलक पाने को बेकरार रहता हूं।
तुझे क्या पता जानेमन कितना प्यार करता हूं।।
जुल्फ बिखराये जब तुम बगीचे पर आती हो।
बेखुदी में सनम में तो आहे हैं भरा करता हूं।।
शाम से शहर तक तुम ख्यालों में रहती हो।
कैसे बताओ फिर वक्त तुझसे ही मिलने की दुआ करता हूं।।
तेरा आसरा मिल जाए बस यही तमन्ना है।
दिल की न पूछो जान तुझ पर निसार करता हूं।।