तुम सुबह और मैं शाम बन जाऊं..
मुस्कुरा दो जरा मैं तेरा नाम बन जाऊं..।।
थाम लो मेरी बांसुरी की..मैं तेरा श्याम बन जाऊं..
तुम मेरी" मैं तेरा नाम बन जाऊं..।।
तुम जहां बैठो जिंदगी से थक कर..
मैं वहीं पर बरगद की छांव बन जाऊं..।।
होने दो जो होता है जिंदगी में..
तेरे उदासी से पहले तुम्हारी मुस्कान बन जाऊं..।।
चलो यूं जिंदगी के राहों में..
ठहरो अगर जो तुम धूप में..
मैं छांव बन जाऊं..।।
आ जाओ पास मेरे कोई धुन गाउ..
तुम मेरी लबों की बांसुरी और मैं श्याम बन जाऊं..।।